पर्यटन स्थलों के तीन दर्जन रेस्ट हाउस का संचालन होगा निजी हाथों में
भोपाल। राज्य सरकार प्रदेश के करीब तीन दर्जन से अधिक रेस्ट हाउस और सर्किट हाउस को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है। खास बात यह है कि इसके साथ ही उनके आसपास रिक्त पड़ी जमीन भी तीस सालों के लिए लीज पर दी जाएगी। इसके लिए शासन स्तर पर 38 रेस्ट हाउस और सर्किट हाउस का चयन किया गया है, जिन्हें पीपीपी मोड या अन्य माध्यम से दिया जाएगा। खास बात यह है कि इस सूची में तामिया व छिंदवाड़ा के रेस्ट हाउस भवन को बाहर रखा गया है। तामिया और छिंदवाड़ा को पर्यटन विभाग विकसित करेगा। पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी इस पर सहमति दे चुके हैं। विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने इस पर कार्यवाही भी शुरू कर दी। यह पूरी कवायद पैसा जुटाने के लिए की जा रही है। पीडब्ल्यूडी के रेस्ट व सर्किट हाउस को पर्यटन के लिहाज से तैयार करने को लेकर पहली बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 25 मई 2019 को हुई थी। इसमें तय हुआ था कि निजी निवेश से रेस्ट और सर्किट हाउस को विकसित किया जाए।
सरकार को 100 करोड़ मिलने की उम्मीद
रेस्ट और सर्किट हाउस को पीपीपी मोड अथवा अन्य किसी तरीके से निजी निवेश कराके विकसित करने का फैसला कैबिनेट ले सकती है। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि इसी वित्तीय वर्ष में निर्णय लिया जाना है। सरकार को उम्मीद है कि इससे 100 करोड़ से अधिक राशि जुटाई जा सकेगी।
शुरूआत में 56 रेस्ट-सर्किट हाउस का किया था चयन
बीते साल एक अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी के पीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसके लिए 56 स्थानों की सूची तैयार की गई थी। इन्हें पर्यटन के लिए उपयुक्त माना गया था, लेकिन बाद में 40 को मंजूरी मिली। इसमें से भी तामिया और छिंदवाड़ा को अलग कर दिया गया। शेष 38 रेस्ट और सर्किट हाउस भवन के साथ कुल जमीन पौने चार लाख मीटर है।
ये प्रमुख स्थल जाएंगे निजी हाथों में
बैतूल के चोपना और शाहपुर, गुना के बम्होरी, होशंगाबाद के ढेकना, रायसेन के बरेली, औबेदुल्लागंज व उदयपुरा, अशोकनगर के चंदेरी, भिंड के मालनपुर, गुना के खटकिया व मकसूदनगढ़, मुरैना के सबलगढ़, श्योपुर के गोरस, शिवपुरी के सुभाषपुरा, राजगढ़ के रेस्ट हाउस व मोतीपुरा, बुरहानपुर के असीरगढ़, बड़वानी के सेंधवा, झाबुआ के मेघनगर व थांदला, खरगौन के बड़वाह धामनोद रोड पर दो व पिपलिया, अनूपपुर के राजेंद्र ग्राम व अमरकंटक, सतना के रामपुर बघेलान व चित्रकूट, सीधी के मझौली, उमरिया के ताला, दमोह के बंधकपुर व खराघज़ट, छतरपुर के भीमकुंड, सागर के ढाना व रेहली, देवास के सतवास, नीमच के मोरवान और होशंगाबाद के सोहागपुर शामिल हैं। इन सभी में दो से लेकर चार तक कमरे हैं। चित्रकूट में 8 और भीमकुंड में 12 कमरे हैं।