दिल्ली मरकज सेंटर / पुलिस ने तब्लीगी जमात चीफ मौलाना साद को भेजा दूसरा नोटिस, मांगे जवाब



नई दिल्ली .दिल्ली में कोरोना वायरस के पीछे सबसे बड़ा जिम्मेदार मरकज सेंटर को ही ठहराया जा रहा है। यह बात काफी हद तक ठीक भी है, क्योंकि इस सेंटर के मौलाना साद ने न केवल सरकारी आदेश को गंभीरता से लिया बल्कि अपनी जिद के आगे पुलिस को भी कुछ नहीं समझा। दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद भी उसने इस मरकज में हजारों की संख्या में लोगों को एकत्रित कर लिया। इनमें देश के विभिन्न राज्यों से आए लोगों के साथ विदेशी भी शामिल थे। क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किए गए मामले में मौलाना समेत सात लोगों के नाम शामिल हैं। इनमें कुछ के मोबाइल नंबर चालू हैं, कुछेक ने बंद कर रखे हैं। भास्कर ने मामले में आरोपी बने चार लोगों से संपर्क करने की कोशिश की। मोहम्मद सलमान का मोबाइल स्विच ऑफ मिला। जबकि मोहम्मद युनूस और अशरफ ने घंटी जाने के बाद भी फोन पfक नहीं किया। केवल मुरसीलन सैफी ने बात कर हमें कुछ जानकारी दी। 


दिल्ली में रहने वाले मुरसीलन सैफी ने बताया वह यहां हम परिवार के साथ रहता है। वह मरकज का कार्यकर्ता नहीं, सिर्फ सेवादार है। उसने कहा 17 मार्च को ही वह इंडोनिशया से दिल्ली आया। यहां एयरपोर्ट पर उसकी स्क्रीनिंग हुई, जिसके बाद उसे 14 दिन क्वारेंटाइन में रहने के लिए कहा गया। इसके बाद से वह पूरे चौदह दिन अपने घर के अंदर ही कैद रहा। मुरसीलन सैफी ने कहा उसका नाम किस वजह से मुकदमे में शामिल किया गया, वह खुद नहीं जानता। मरकज से वह 1979 से जुड़ा हुआ है, जहां उपदेश दिए जाते हैं। उसने कहा, मरकज के अंदर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। सिर्फ बाहर की तरफ जरूर है, जो शायद पुलिस या प्रशासन ने लगवाया हो। मुरसीलन ने कहा उसका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, यह पहला मुकदमा उस पर इस तरह से बना है। उसके पिता और भाई का लोहे की ग्रिल बनाने का काम था, कुछ समय उसने भी किया। वर्तमान में उसकी परिवार की जीविका किराए से आने वाली आमदनी से होता है। बकौल मुरसीलन पुलिस की ओर से उसे कोई नोटिस नहीं मिला है। हालांकि, उसे जब भी पुलिस पूछताछ करने के लिए बुलाएगी तो जरूर पहुंचेगा।


जवाब से संतुष्ट नहीं थी क्राइम ब्रांच की टीम


वहीं दूसरी ओर क्राइम ब्रांच की ओर से दावा किया गया है मौलाना साद को दूसरा नोटिस फिर से भेजा गया है। पुलिस उसके द्वारा दिए गए पहले नोटिस के जवाब से संतुष्ट नहीं थी। हालांकि, इसके उलट मौलाना साद के अधिवक्ता शाहिद अली ने कहा उन्हें कोई दूसरा नोटिस नहीं मिला है। यह सब खबरें मीडिया में ही चल रही हैं।


मांगे थे इन सवालों के जवाब 


क्राइम ब्रांच फिलहाल मरकज में जांच- पड़ताल शुरु कर दी है। उनका कहना है कि मरकज के अंदर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला है, और मरकज से जुड़े  लोग भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। इससे पहले  पुलिस ने मरकज प्रशासन से जानकारी मांगी है कि 13 मार्च के बाद मरकज में जो लोग आए थे। उनका उपस्थिति रजिस्टर उनको दिया जाए। इसके अलावा पुलिस मरकज के पदाधिकारियों से यह भी जानकारी मांगी है कि वह बताएं कि 13 तारीके के सरकार के भीड़ इकट्ठा न होने के आदेश के बाद मरकज ने अपने यहां से लोगों को निकालने के लिए क्या कदम उठाए ?